चीन की सेना पीएलए के पश्चिमी थिएटर कमांड और पाकिस्तानी सेना ने वॉरियर IX नाम से एक संयुक्त सैन्य अभ्यास किया है। पाकिस्तान में दोनों सेनाओं का यह अभ्यास 14 दिसंबर को खत्म हो गया। इस दौरान चीन और पाकिस्तान की सेनाओं ने संयुक्त रूप से आतंकवाद निरोधक अभियान का अभ्यास किया। चीनी सेना ने एक बयान जारी करके कहा कि इस अभ्यास के दौरान क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बनाए रखने की क्षमता का परीक्षण किया गया। साथ ही पाकिस्तान और चीन की परंपरागत दोस्ती को और ज्यादा मजबूत किया गया। चीन की सेना न केवल पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत पर दबाव बना रही है, बल्कि भारतीय सीमा के पास उसने ऐसी तैयारी कर ली है कि मात्र 24 से 48 घंटे में वह जंग के लिए अपने सैनिकों को तैनात कर सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक पीएलए के लगातार हो रहे सैन्य अभ्यास, आधिकारिक भाषणों और चीनी सेना के टेक्स्टबुक से यह खुलासा होता है कि बीजिंग लगातार अपने सैनिकों की तैनाती के समय को घटा रहा है। चीन का लक्ष्य साफ है कि शांतिकालीन सामान्य सैन्य अभ्यास को कभी भी मात्र कुछ घंटों के अंदर जंग के लिए तैयारी के रूप में बदला जा सके। चीन की चाल यह है कि दुश्मन के जवाब देने के पहले ही उसे घेर लो। रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में ताइवान पर चीनी सेना की घेरेबंदी का जिक्र हो रहा है लेकिन पीएलए का सबसे बड़ा खेल भारतीय सीमा पर चल रहा है।
चीनी सेना की नई डॉक्ट्रिन 'गोल्डन विंडो'
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बदलाव चीनी सेना की नई डाक्ट्रिन का नतीजा है जो अब 'गोल्डन विंडो' प्लान पर काम कर रही है। गोल्डन विंडो से मतलब है कि किसी भी लड़ाई के शुरुआत के 24 से 48 घंटे। इस गोल्डन विंडो में चीनी सेना को अपनी पूरी तैनाती कर लेनी होगी और पूरे सैन्य अभियान पर अपना कंट्रोल स्थापित करना है। पीएलए की कुछ हैंडबुक में यह भी जोर देकर कहा गया है कि जीत इस बात पर निर्भर करेगी कि कुछ ही मिनट के अंदर पहले गोली चलाना होगा। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग साल 2015 से बार-बार कह रहे हैं कि चीनी सेनाएं 'तेजी से शुरू करें और जल्द से जल्द खत्म करें।'